दरिद्रता लातें है घर में लगे कटे-फटे परदे, इनसे पाएं छुटकारा

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की साज-सज्जा से हम ड्राइंगरूम, लॉबी, बालकनी से लेकर सभी कमरों में पर्दे लगा सकते है इससे घरो में सकारात्मक वास्तु ऊर्जा को संतुलित भी किया जा सकता है। और इस कारण घरो में सुख-शान्ति, आरोग्य, प्रसन्नता आदि को एक लम्बे समय तक बनाए रखने में काफी मदद मिलती है। अत: अपने घर के लिए पर्दों का चयन करते समय इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

पर्दों से जानें घर की स्थिति:

# पर्दों की बनावट के अनुसार पर्दों में उच्च श्रेणी के आधार पर आधुनिक शैली में सीप, कौड़ी, कपड़े, कागज या रिबन आदि के बने झालरनुमा पर्दे भी आते हैं। इन सभी का प्रयोग आप अपनी पूर्व व उत्तर दिशाओं की बालकनी, पोर्च, मुख्य द्वार के भीतर बड़ी आसानी से कर सकते हैंघर की स्थिति को दर्शाते है घर में लगे परदे

# घर की लॉबी, जिसे ब्रह्म स्थान भी कहा जाता है, उस स्थान को वास्तु के पंच तत्वों में से आकाश तत्व की संज्ञा दी जाती है। यहां पारदर्शी झालरें दो स्थानों को अलग-अलग करने का काम कर सकती हैं।

# पर्दा खरीदने मार्केट जाए तो ध्यान से चेक करके ले की पर्दा कहीं से कटा-फटा न हो क्योंकि कटे-फाटे पर्दे दरिद्रता के प्रतीक होते हैं।