राजकोट में एक जाने-माने व्यवसायी और वकील महेंद्र फल्दू की कथित आत्महत्या के मामले में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक महेंद्र फल्दू ने बुधवार को पहले जहर खाया और फिर फांसी लगा ली। खुद को मारने से पहले, फालदू ने विभिन्न मीडिया घरानों को एक सुसाइड नोट भेजा, जिसमें अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों का नाम लिखा था। नोट में उन पर वित्तीय बोझ का भी जिक्र है।
फालदू ने कथित तौर पर अपने कार्यालय में आत्महत्या कर ली। सूत्रों के अनुसार, फालदू ने 2007 में अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को 1,48,000 वर्ग गज जमीन बेची थी। हालांकि, चूंकि बिल्डर दस्तावेज नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें उन लोगों के साथ कठिन समय हो रहा था, जिन्हें उन्होंने भूखंड बेचे थे। वह समाज से हट गया था और लगातार धमकियों ने उसके स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया था। अंत में, जब वह इसे और नहीं ले सका, तो उसने यह चरम कदम उठाया।
इस बीच फालदू के परिवार को पूरा मामला संदिग्ध लगा है। एसआईटी गुरुवार को अहमदाबाद और राजकोट में कुछ जगहों पर जांच के लिए गई थी। पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें से पांच अहमदाबाद के हैं।
शुरुआती जांच में पता चला कि उसके सुसाइड नोट के कई पन्नों में से सिर्फ एक ही हाथ से लिखा हुआ था। बाकी सभी पेज कंप्यूटर पर टाइप किए गए थे। एक पेज भी गायब है।
एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने कहा कि फालदू के फोन की एफएसएल जांच कर रही है।