उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में पर्यटन को बढ़ाने के लिए नैमिषारण्य धाम का जीर्णोद्धार करने की योजना बना रही है। लखनऊ से लगभग 80 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के सीतापुर क्षेत्र के इस प्रसिद्ध क्षेत्र को कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर द्वारा बनाए गए मास्टर प्लान के अनुसार पुनर्जीवित किया जाएगा।
इस नवीनीकरण परियोजना के पूरा होने के बाद, नैमिषारण्य धाम लखनऊवासियों के लिए वीकेंड पर घूमने और धार्मिक यात्रा के लिए एक अच्छा विकल्प होगा।
इस विकास परियोजना में पूरे धाम क्षेत्र को अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें नदी के किनारे का निर्माण, गंगा घाट का विस्तार और बेहतर सड़क संपर्क शामिल होगा।
हर साल 1.5 लाख से अधिक आगंतुक इस पवित्र स्थल पर आते हैं। प्रशासन ने अन्य राज्यों की सरकारों को इन तीर्थयात्रियों के लिए उपयुक्त आवास प्रदान करने के लिए धाम के पास मठ या गेस्ट हाउस बनाने की अनुमति दी है।
पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव मुकेश मेश्राम के अनुसार विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर जल्द ही स्वीकृति के लिए शासन को दी जाएगी। प्रशासन की मंजूरी मिलते ही पुनर्निर्माण परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।
मास्टर प्लान के अनुसार धाम के ऐतिहासिक स्वरूप को बढ़ाने के लिए बलुआ पत्थर और पीले पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा। यह मास्टर प्लान आने वाले 50 वर्षों में आगंतुकों के संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखकर बनाया गया था।
इसके अलावा, प्रशासन नैमिषारण्य धाम के आसपास के पूरे क्षेत्र का पूर्ण पुनर्वास करेगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि तीर्थयात्रियों की यात्रा सुखद हो।