शनि देव को इसलिए चढाएं तेल: पंचांग के अनुसार आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि दिन शनिवार है! शनिवार को शनिदेव की पूजा की परंपरा है! शनिदेव की नाराजगी से बचने और उन्हें शांत रखने के लिए लोग अनेक उपाय करते हैं! इन्हीं उपायों में से एक सरसों के तेल से शनिदेव का अभिषेक करना भी है! शनिवार के दिन शनिदेव का तेलाभिषेक करना बहुत लाभदायी होता है!
तेलाभिषेक से शनि देव की कृपा होती है, जिससे धन-वैभव, मान-सम्मान, सुख शांति आदि की प्राप्ति होती है! भक्त के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं! परंतु जब शनि देव नाराज होते हैं, तो भक्तों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है! आइये जानें तेलाभिषेक की कथा :-
तेल चढ़ाने की परंपरा हनुमान जी ने शुरू की –
रामायण की एक कथा के अनुसार रावण ने शनिदेव को कैद कर लिया था! जब माता सीता की खोज के लिए हनुमान जी लंका गए तो शनिदेव को रावण के अधीन कैद में देखा ! हनुमान जी को देखकर शनिदेव ने खुद को रावण से मुक्त कराने की बात कही! तब हनुमान जी ने कैद से मुक्त कराने के लिए शनिदेव को लंका से दूर फेंका ताकि वे सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं!
हनुमान जी के द्वारा शनिदेव को फेंके जाने पर बहुत चोट लग गई! शनिदेव की पीड़ा देखकर हनुमान जी ने उनके घाव पर सरसों का तेल लगाया! इससे शनिदेव को आराम मिला और वे बहुत खुश हुए! तभी से शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई!