राजऋषि महाविद्यालय में बुधवार की सुबह सत्रांक परीक्षा घर से करके लाने की मांग को लेकर छात्रों ने हंगामा कर दिया। हंगामे की सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और कानून व्यवस्था के लिए पुलिस का जाब्ता भी मौके पर तैनात रहा। छात्र विष्णु बिधूड़ी ने बताया कि राजऋषि कॉलेज को राजस्थान विश्वविद्यालय ने 2007 में ऑटोमोस बॉडी घोषित किया था। तब सत्रांक परीक्षा से 5 दिन पहले नोटिस जारी होता था। कब परीक्षा होगी उसका टाइम टेबल भी जारी होता था लेकिन कॉलेज प्रशासन द्वारा मनमानी से परीक्षा हो रही है। जिस कारण आधे से विद्यार्थियों को तो यही नहीं पता कब परीक्षा होगी।
इसकी कोई सूचना उन्हें नहीं दी गई। बड़ी संख्या में युवा ग्रामीण क्षेत्रों से आते है। जिसके विरोध में छात्रों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। छात्रों ने कहा कि कोरोना को देखते हुए घर से परीक्षा देने की व्यवस्था पिछले कोरोना काल की तरह कॉलेज प्रशासन को करनी चाहिए। वहीं इस पूरे मामले में प्राचार्य का कहना है कि ऑटोनॉमस कॉलेज के टेस्ट आज से शुरू हो गए हैं। कॉलेज प्रशासन द्वारा इसमें थोड़ा परिवर्तन किया गया है जो शिक्षक इस विषय को पढ़ाता है वही टेस्ट लेगा और वही कॉपी जांचेगा। लेकिन इसका छात्र-छात्राओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनकी मांग पर बैठकर विचार किया जाएगा। ई दौरान बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।
कोरोनावायरस की धज्जियां उड़ाने का आरोप
छात्रों ने कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाने का आरोप कॉलेज प्रशासन पर लगाया है। छात्रों ने बताया कि सरकार द्वारा 50 प्रतिशत उपस्थिति ही कॉलेज में होनी चाहिए लेकिन एक कक्षा कक्ष में 50 से भी अधिक बच्चों को बिठाकर टेस्ट कराए जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही है। यहां तक कि जो बच्चे पॉजिटिव हैं वह भी परीक्षा में बैठ रहे हैं। जो कि सरासर गलत हो रहा है